IAS vs IPS - Difference? Detailed Explanation Here I Prabhakar Bharti



 आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) और आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा) भारत में सबसे प्रतिष्ठित और मांग वाली सिविल सेवाओं में से दो हैं। वे भारतीय वन सेवा (आईएफएस) के साथ-साथ अखिल भारतीय सेवाओं (एआईएस) का हिस्सा हैं। जबकि आईएएस और आईपीएस दोनों अधिकारी सरकार की सेवा करते हैं और कानून और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, उनकी जिम्मेदारियां और फोकस क्षेत्र अलग-अलग होते हैं। यहां दोनों के बीच मुख्य अंतर हैं:


भूमिका और जिम्मेदारियाँ:


आईएएस (भारतीय प्रशासनिक सेवा): आईएएस अधिकारी सरकार के प्रशासनिक कार्यों के लिए जिम्मेदार होते हैं। वे विभिन्न सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों के नीति निर्माण, कार्यान्वयन और पर्यवेक्षण में शामिल हैं। वे राज्य और केंद्र सरकार में प्रमुख पदों पर हैं, जैसे कि जिला मजिस्ट्रेट, आयुक्त और विभिन्न विभागों में सचिव।

आईपीएस (भारतीय पुलिस सेवा): आईपीएस अधिकारी कानून और व्यवस्था बनाए रखने और सार्वजनिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए जिम्मेदार हैं। वे राज्यों और केंद्रीय स्तर पर पुलिस बलों का नेतृत्व और प्रबंधन करते हैं। आईपीएस अधिकारी अपने-अपने अधिकार क्षेत्र में अपराध की रोकथाम, जांच और शांति एवं व्यवस्था बनाए रखने के प्रभारी होते हैं।

चयन प्रक्रिया:


आईएएस: आईएएस अधिकारियों के लिए चयन प्रक्रिया संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के माध्यम से आयोजित की जाती है। परीक्षा में तीन चरण होते हैं: प्रारंभिक परीक्षा, मुख्य परीक्षा और साक्षात्कार।

आईपीएस: आईएएस की तरह आईपीएस अधिकारियों की चयन प्रक्रिया भी यूपीएससी द्वारा आयोजित सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) के माध्यम से की जाती है। इच्छुक उम्मीदवारों को परीक्षा के उन्हीं तीन चरणों से गुजरना होगा।

प्रशिक्षण:


आईएएस: सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, सफल उम्मीदवार मसूरी में लाल बहादुर शास्त्री राष्ट्रीय प्रशासन अकादमी (एलबीएसएनएए) में प्रशिक्षण लेते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम लोक प्रशासन, प्रबंधन और नेतृत्व के विभिन्न पहलुओं पर केंद्रित है।

आईपीएस: सिविल सेवा परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद, आईपीएस अधिकारी हैदराबाद में सरदार वल्लभभाई पटेल राष्ट्रीय पुलिस अकादमी (एसवीपीएनपीए) में प्रशिक्षण लेते हैं। प्रशिक्षण कार्यक्रम कानून प्रवर्तन, अपराध जांच और पुलिस प्रशासन पर जोर देता है।



कैरिअर की प्रगति:


आईएएस: आईएएस अधिकारियों का करियर विविध और व्यापक होता है। वे वित्त, राजस्व, शिक्षा, स्वास्थ्य और अन्य सहित विभिन्न विभागों और क्षेत्रों में सेवा कर सकते हैं। वे केंद्र सरकार में कैबिनेट सचिव जैसे शीर्ष पद पर भी हो सकते हैं, और यहां तक कि राज्यों के मुख्य सचिव भी बन सकते हैं।

आईपीएस: आईपीएस अधिकारियों के करियर की प्रगति मुख्य रूप से कानून प्रवर्तन और पुलिस प्रशासन के इर्द-गिर्द घूमती है। वे राज्य स्तर पर पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) के स्तर तक पहुंच सकते हैं या प्रमुख शहरों में पुलिस आयुक्त भी बन सकते हैं।

गौरतलब है कि आईएएस और आईपीएस दोनों अधिकारी देश के शासन और कामकाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनके कर्तव्य एक-दूसरे के पूरक हैं, और वे अक्सर सरकार के सुचारू कामकाज को सुनिश्चित करने और कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए मिलकर काम करते हैं।



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Knowledge Source : Internet and JB Institute of Management Studies  

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