सोनम वांगचुक
लेखक: Santosh Singh Taretiya
तारीख: 28 सितम्बर 2025
परिचय
सोनम वांगचुक लद्दाख के प्रख्यात इंजीनियर, पर्यावरणविद्, शिक्षा सुधारक और सामाजिक कार्यकर्ता हैं। वे अपने अनूठे जल संरक्षण उपायों और शिक्षा सुधार के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुके हैं। बॉलीवुड फिल्म थ्री इडियट्स के फ़ुन्सुख वांगड़ू के किरदार को उन्हीं से प्रेरित बताया जाता है।
सितम्बर 2025 में वे तब सुर्खियों में आए जब लद्दाख में राज्य का दर्जा और संवैधानिक सुरक्षा की मांग को लेकर हुए आंदोलन के बाद उन्हें गिरफ्तार किया गया।
प्रारंभिक जीवन व शिक्षा
जन्म: 1 सितम्बर 1966, उलयटोकपो गाँव, लद्दाख।
बचपन: पहाड़ी और दूर-दराज़ क्षेत्र में पले-बढ़े। वहां शिक्षा की सुविधाएं सीमित थीं, इसलिए उन्होंने बहुत कुछ अपने अनुभवों और परिवार से सीखा।
शिक्षा: उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की, लेकिन पारंपरिक नौकरी करने की बजाय सामाजिक और पर्यावरणीय समस्याओं को हल करने का रास्ता चुना।
प्रमुख कार्य और नवाचार
1. SECMOL (Students’ Educational and Cultural Movement of Ladakh)
1988 में वांगचुक ने SECMOL की स्थापना की। इसका उद्देश्य लद्दाख की सरकारी शिक्षा प्रणाली में सुधार कर उसे छात्रों के लिए अधिक व्यावहारिक और स्थानीय संस्कृति से जोड़ना था। SECMOL के छात्र सौर ऊर्जा, सतत वास्तुकला और स्थानीय नवाचारों पर काम करते हैं।
2. आइस स्तूपा (कृत्रिम ग्लेशियर परियोजना)
2013 में उन्होंने “आइस स्तूपा” का निर्माण किया—यह शंक्वाकार कृत्रिम ग्लेशियर होता है जो सर्दियों में पानी को बर्फ के रूप में जमा कर रखता है और गर्मियों में धीरे-धीरे पिघलकर सिंचाई के लिए पानी उपलब्ध कराता है। इस तकनीक ने लद्दाख जैसी शुष्क व ठंडी जगहों में जल संकट को काफी हद तक कम किया।
3. अन्य पहलें
हिमालयन इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव्स, लद्दाख (HIAL) की स्थापना, जहां स्थानीय संदर्भ पर आधारित उच्च शिक्षा दी जाती है।
FarmStays Ladakh पहल से स्थानीय परिवारों को पर्यटन से आय का अवसर मिला।
सौर ऊर्जा और ऊर्जा दक्ष इमारतों के निर्माण पर कई प्रयोग।
सम्मान और पुरस्कार
रमन मैगसेसे पुरस्कार (2018) – शिक्षा सुधार और समाज पर गहरा असर डालने के लिए।
ग्लोबल अवॉर्ड फॉर सस्टेनेबल आर्किटेक्चर (2017)।
GQ मैगज़ीन का ‘सोशल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर’ (2017)।
आईआईटी मंडी द्वारा “हिमालय क्षेत्र के विशिष्ट प्रौद्योगिकीविद्” का सम्मान।
लोकप्रिय संस्कृति में स्थान
फिल्म थ्री इडियट्स का “फ़ुन्सुख वांगड़ू” का किरदार उन्हीं से प्रेरित बताया जाता है। इससे वे आम लोगों के बीच भी प्रसिद्ध हुए।
हालिया विवाद और गिरफ्तारी (सितम्बर 2025)
1. लद्दाख आंदोलन और हिंसा
सितम्बर 2025 में लद्दाख में राज्य का दर्जा और संविधान की छठी अनुसूची में शामिल किए जाने की मांग को लेकर बड़े पैमाने पर आंदोलन हुआ। इसमें हिंसा भड़क उठी, सरकारी दफ्तरों पर हमला हुआ और चार लोगों की मौत हो गई। वांगचुक इस आंदोलन के दौरान अनशन पर भी बैठे थे।
2. गिरफ्तारी और आरोप
26 सितम्बर 2025 को पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार किया।
उन पर हिंसा भड़काने और भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगाया गया।
केंद्र सरकार ने उनकी संस्था SECMOL की FCRA लाइसेंस (विदेशी चंदा प्राप्त करने का अधिकार) भी रद्द कर दिया।
उन्हें जोधपुर सेंट्रल जेल भेजा गया, जहां उन्हें अलग सेल में रखा गया है।
3. प्रतिक्रियाएं
किसान संगठनों और विपक्षी नेताओं ने उनकी रिहाई की मांग की।
आंदोलनकारियों ने केंद्र सरकार पर "दमनकारी रवैये" का आरोप लगाया।
वांगचुक ने खुद आरोपों को “बलि का बकरा बनाने की साजिश” कहा है।
विरासत और महत्व
सोनम वांगचुक आज भी लाखों लोगों के लिए प्रेरणा हैं।
जल संरक्षण में नवाचार – आइस स्तूपा जैसी तकनीकें भविष्य की पीढ़ियों के लिए आशा जगाती हैं।
शिक्षा सुधार – उन्होंने दिखाया कि शिक्षा को स्थानीय संस्कृति और वास्तविक जीवन की जरूरतों से जोड़कर किस तरह अधिक प्रभावी बनाया जा सकता है।
सामाजिक चेतना – वे सिर्फ वैज्ञानिक या शिक्षक ही नहीं, बल्कि लद्दाख की पहचान और अधिकारों की लड़ाई का चेहरा बन चुके हैं।
Comments
Post a Comment