GST 2.0 लागू: मध्यम वर्ग को बड़ी राहत, रोज़मर्रा के सामानों से लेकर बीमा तक सब कुछ हुआ सस्ता!





GST 2.0 लागू: मध्यम वर्ग को बड़ी राहत, रोज़मर्रा के सामानों से लेकर बीमा तक सब कुछ हुआ सस्ता!

Article By : Santosh Singh Taretiya

नई दिल्ली: देश में टैक्स व्यवस्था को और सरल, पारदर्शी और आम जनता के अनुकूल बनाने के उद्देश्य से केंद्र सरकार ने जीएसटी 2.0 (GST 2.0) सुधारों को लागू कर दिया है। 22 सितंबर, 2025 से प्रभावी हुए ये बदलाव वस्तुओं और सेवाओं पर टैक्स दरों को युक्तिसंगत बनाकर मध्यम वर्ग के लिए 'बचत उत्सव' लेकर आए हैं। सरकार का दावा है कि इन सुधारों से उपभोक्ता खर्च (Consumer Spending) बढ़ेगा और अर्थव्यवस्था को नई गति मिलेगी।


मुख्य बदलाव: स्लैब का सरलीकरण (Simplified Slabs)

जीएसटी 2.0 का सबसे बड़ा बदलाव इसकी कर संरचना (Tax Structure) का सरलीकरण है। पहले की चार दरें (5%, 12%, 18% और 28%) अब मुख्य रूप से दो स्लैब में सीमित हो गई हैं:

  1. 5% स्लैब: आवश्यक वस्तुओं और रोज़मर्रा के उपयोग के सामानों के लिए।

  2. 18% स्लैब: अधिकांश अन्य सामान्य वस्तुओं और सेवाओं के लिए।

  3. 40% विशेष स्लैब: तंबाकू, पान मसाला और ऑनलाइन गेमिंग जैसी विलासिता (Luxury) और नुकसानदायक (Sin) वस्तुओं पर यह उच्च दर लागू की गई है।



उपभोक्ताओं को बड़ी राहत: क्या हुआ सस्ता?

इन नए स्लैब के तहत, लगभग 99% रोज़मर्रा के सामानों को 5% या उससे कम की श्रेणी में लाया गया है, जिससे आम आदमी को सीधा फायदा मिलेगा:

श्रेणीपुरानी दरें (मुख्यतः)नई दर (मुख्यतः)लाभ
खाद्य और घरेलू उत्पाद12% या 18%5% या शून्यसाबुन, शैंपू, टूथपेस्ट जैसे आवश्यक सामान, पनीर, घी, बिस्किट, कॉफी, और फलों का रस सस्ता हुआ। यूएचटी दूध, पनीर (छेना) और भारतीय ब्रेड पर अब शून्य GST है।
बीमा और स्वास्थ्य18%शून्य (Exempt)व्यक्तिगत जीवन और स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम को पूरी तरह से जीएसटी से मुक्त कर दिया गया है।
इलेक्ट्रॉनिक्स और घरेलू उपकरण28%18%एयर कंडीशनर (AC), रेफ्रिजरेटर, डिशवॉशर, और 32 इंच से बड़े LED/LCD टीवी जैसे टिकाऊ उपभोक्ता सामान (Consumer Durables) सस्ते हुए।
ऑटोमोबाइल28%18%350cc से कम इंजन क्षमता वाली मोटरसाइकिलें, छोटी कारें (Small Cars), बस और ट्रक सस्ते हुए।
रियल एस्टेट और निर्माण28%18% या 5%सीमेंट पर टैक्स 28% से घटाकर 18% किया गया। टाइल्स और ईंटों को 12% से 5% के स्लैब में लाया गया है।




व्यापार और अर्थव्यवस्था पर प्रभाव (Impact on Business and Economy)

फायदे:

  • अनुपालन में आसानी: दो मुख्य स्लैब होने से टैक्स फाइलिंग (Tax Filing) और अनुपालन (Compliance) का बोझ कम होगा, खासकर MSMEs (सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों) के लिए।

  • मांग में वृद्धि: कम कर दरों से वस्तुओं की कीमतें घटेंगी, जिससे उपभोक्ताओं की क्रय शक्ति (Purchasing Power) बढ़ेगी और बाज़ार में मांग (Demand) तेज़ होगी।

  • मुकदमेबाजी में कमी: दरों के स्पष्टीकरण और स्लैब के सरलीकरण से कर संबंधी विवाद (Tax Disputes) कम होने की उम्मीद है।

सरकार की चेतावनी: सरकार ने कंपनियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि कम हुए जीएसटी का लाभ सीधे उपभोक्ताओं को दिया जाए। यदि व्यापारी पुराने स्टॉक को भी नई, कम कीमत पर नहीं बेचते हैं, तो उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

कुल मिलाकर, जीएसटी 2.0 को भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में एक अगली पीढ़ी का सुधार माना जा रहा है, जो देश को एक सरल और कुशल कर व्यवस्था की ओर ले जाएगा।

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